राज्य सभा अनुसंधान और अध्ययन (आरएसआरएस) योजना

राज्य सभा ने वर्ष 2009 में डा. एस. राधाकृष्णन पीठ और दो राज्य सभा अध्येतावृत्तियों हेतु योजना आरंभ की थी जिसका उद्देश्य भारत में संसदीय लोकतंत्र के विभिन्न पहलुओं पर अनुसंधान को बढ़ावा देना है। राज्य सभा के माननीय सभापति श्री एम. वेंकैया नायडु की पहल पर, इस योजना की उपयोगिता और प्रभावकारिता को बढ़ाने के लिए वर्तमान योजना को नया रूप दिया गया है। इस संशोधित योजना का पुन: नामकरण करके 'राज्य सभा अनुसंधान और अध्ययन (आरएसआरएस) योजना' का नाम दिया गया है, जिसमें (क) डा. राधाकृष्णन पीठ; (ख) राज्य सभा अध्येतावृत्तियां और (ग) राज्य सभा स्टूडेंट एंगेजमेंट इंटर्नशिप्स नामक तीन घटक हैं। इस योजना का व्यापक उद्देश्य 'संसद और अन्य लोकतांत्रिक संस्थाओं के कार्यकरण पर अनुसंधान/अनुभवजन्य/तुलनात्मक अध्ययन को बढ़ावा देना और देश के सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन में उनके योगदान का विश्लेषण करना तथा संसद के कार्यकरण में सुधार लाने हेतु अनुसंधान-अध्ययन की उपयोगिता सुनिश्चित करना है।' पात्रता मानक और इस पीठ तथा अध्येताओं द्वारा अध्ययन किए जाने वाले बड़े विषयों के चयन तथा अनुसंधान परियोजनाओं की निगरानी इत्यादि जैसे इस योजना के विभिन्न पहलुओं का सरलीकरण किया गया है। विचारशील विद्वानों/विशेषज्ञों को आकर्षित करके उनके द्वारा अध्ययन करने तथा गुणवत्तापूर्ण प्रसंगोचित अनुसंधान सुनिश्चित करने के उद्देश्य से अनुसंधान अनुदान की राशि में भी वृद्धि की गई है। अध्येतावृत्तियों की संख्या को भी दो से बढ़ाकर चार कर दिया गया है। विद्यार्थियों को भारत की संसद और विशेषकर राज्य सभा के कार्यकरण से अवगत कराने के उद्देश्य से एक नई इंटर्नशिप योजना की भी शुरूआत की गई है। एक अनुसंधान परामर्शदात्री समिति (आरएसी), पीठ तथा अध्येतावृत्तियों के चयन तथा संचालन में राज्य सभा के सभापति की सहायता करती है। इसमें पांच सदस्य हैं जिनमें राज्य सभा के सभापति द्वारा नाम-निर्देशित दो राज्य सभा सदस्य, दो विख्यात शिक्षाविद् तथा राज्य सभा के महासचिव सदस्य संयोजक हैं। इंटर्न्स का चयन राज्य सभा सचिवालय द्वारा महासचिव, राज्य सभा के निदेश के अनुसार किया जाएगा।

डा. एस. राधाकृष्णन पीठ

पीठ के लिए प्रतिष्ठित विशेषज्ञ/विख्यात शोधार्थी/शिक्षाविद आवेदन कर सकते हैं जिन्हें राजनीतिक व्यवस्था, लोकतांत्रिक संस्थाओं और देश के समक्ष सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों के अध्ययन से संबंधित अनुसंधान अथवा विद्वता और प्रकाशनों का प्रामाणिक अनुभव हो। संसद/राज्य विधानमंडलों के पूर्व सदस्य तथा संसद/राज्य विधानमंडल सचिवालयों के पूर्व अधिकारी भी इसके लिए आवेदन करने के पात्र हैं। पीठ का कार्यकाल दो वर्ष है जिसे एक वर्ष के लिए बढ़ाया जा सकता है। पीठ पर नियुक्त व्यक्ति 20 लाख रूपये के अनुदान और 2.5 लाख रूपये के आकस्मिक अनुदान का होगा।

राज्य सभा अध्येतावृत्तियां

यह अध्येतावृत्ति उन विद्वानों के लिए है जिनके पास इस योजना के उद्देश्यों से संबंधित अध्ययन करने हेतु संगत शैक्षिक योग्यता/अनुभव है। संसद/राज्य विधानमंडलों के पूर्व सदस्य तथा संसद/राज्य विधानमंडलों के सचिवालयों के पूर्व अधिकारी भी इस योजना के लिए आवेदन करने के पात्र हैं। अध्येतावृत्ति की अवधि 18 माह है जिसे 6 माह बढ़ाया जा सकता है। अध्येता 8 लाख रूपए के अनुदान और 50,000/-रुपए के आकस्मिक अनुदान के पात्र होंगे।

राज्य सभा इंटर्नशिप कार्यक्रम

पुनरीक्षण के तहत

सूचना उपलब्ध कराने के लिए उत्तरदायी अधिकारी

डा. रोज़ी सईलो दामोदरन

निदेशक (लार्डिस)

स्थान

बी-2, तृतीय तल, पीटीआई भवन, 4, संसद मार्ग नई दिल्ली - 110001

फ़ोन नंबर।

23724702, 23724745

ईमेल

rosey[dot]sailo[at]sansad[dot]nic[dot]in

श्री रतन कुमार साहू

अपर निदेशक (लार्डिस)

स्थान

कमरा सं. बी-3, तीसरा तल, पीटीआई भवन, 4, संसद मार्ग, नई दिल्ली-110001

फ़ोन नंबर।

011-23724703, 23724746

ईमेल

rksahoo[dot]rs[at]sansad[dot]nic[dot]in