जनवरी, 2008 में शुरू किये गये लोक सभा इन्टर्नशिप कार्यक्रम का उद्देश्य विशिष्ट शैक्षिक तथा शिक्षणोत्तर उपलब्धियां प्राप्त युवा पुरूषों एवं महिलाओं को सामान्य रूप से संसदीय लोकतंत्र एवं लोकतांत्रिक संस्थाओं से और विशेषकर अपनी संसदीय प्रणाली के बारे में उन्हें परिचित कराने का अवसर प्रदान करना है।
इस कार्यक्रम से प्रशिक्षु संसद की प्रक्रियाओं एवं कार्यविधियों के विभिन्न पहलुओं से रूबरू होने के अलावा संसद एवं संसदीय लोकतंत्र के कार्यकरण की समझ एवं परिबोधन प्राप्त करने में सक्षम होंगे। इस प्रक्रिया के दौरान प्रशिक्षुओं को हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था में संसद के विविध कृत्यों जैसे विधि निर्माण, वित्तीय जवाबदेही लाने, कार्यपालिका की जवाबदेही सुनिश्चित करने, सांविधिक कृत्य, सादृश्यमूलक भूमिका, शैक्षिक भूमिका, राष्ट्रीय एकीकरण में भूमिका और शिकायत निवारण तंत्र के रूप में भी कार्य करने वाली एक बहु-कार्यात्मक संस्था के रूप में इसकी अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में गहन जानकारी प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
प्रत्येक वर्ष इस कार्यक्रम के लिये पांच प्रशिक्षुओं का चयन किया जाता है जिसकी निगरानी माननीय अध्यक्ष द्वारा गठित एक प्रशिक्षण समिति द्वारा की जाती है। यह कार्यक्रम आमतौर पर प्रत्येक वर्ष जनवरी में शुरू होता है और दिसम्बर में समाप्त होता है। यह प्रशिक्षण 21 से 28 वर्ष की आयु के भारतीय नागरिकों के लिये खुला है। चयनित प्रशिक्षुओं को संसद ग्रन्थालय में संग्रहित पुस्तकों के उपयोग के अलावा मासिक छात्रवृत्ति और एकमुश्त लेखन-सामग्री भत्ता प्रदान किया जाता है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिये आवेदन आमंत्रित करने वाले विज्ञापन प्रमुख राष्ट्रीय दैनिक समाचार पत्रों और क्षेत्रीय भाषा के समाचार पत्रों में अत्तूबर-नवम्बर माह में जारी किये जाते हैं। ब्यूरो पूरे देश के विश्वविद्यालयों को यह अनुरोध करते हुये पत्र लिखता है कि इस कार्यक्रम को इच्छुक विद्यार्थियों के ध्यान में लाया जाए। यह विज्ञापन लोक सभा की वेबसाइट पर भी जारी किया जाता है।